बुद्ध (सिद्धात्थ गौतम) से सीखे: जीवन में कड़ी मेहनत के साथ-साथ धैर्य भी जरूरी क्यों होता है, कभी-कभी लंबे समय के बाद मिलती है सफलता -
Latest News on Hindu Religion! भगवान गौतम बुद्ध से जुड़ा एक बेहद रोचक व शिक्षाप्रद पौराणिक कथा है। गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ अक्सर यात्राएं करते रहते थे। कभी-कभी वे कुछ जगहों ठहर भी जाते थे। बुद्ध हमेशा आसपास की घटनाओं से शिष्यों को उनके जीवन से जोड़ कर प्रबंधन के सूत्र बताते रहते थे। एक दिन गौतम बुद्ध शिष्यों के साथ यात्रा कर रहे थे।
उन्हें किसी गांव में उपदेश देने जाना था। रास्ते में उन्हें एक खेत
में कई सारे गड्ढे दिखाई दिए। कुछ गड्ढे
बहुत ज्यादा गहरे थे तो कुछ कम गहरे थे। गड्ढों को देखकर भयभीत हुये शिष्यों ने विचार किया कि ये एक खेत में इतने
सारे गड्ढे किसी ने क्यों खोदे हैं? शिष्य आपस में इस विषय पर आपस में
विचार विमर्श कर रहे थे, लेकिन किसी को भी इस प्रश्न का सही उत्तर
समझ नहीं आया। तब सभी शिष्यों ने इस संबंध में गौतम बुद्ध से बात की।
गौतम बुद्ध ने सभी गड्ढों ध्यान से
देखा और शिष्यों से कहा कि ये सभी गड्ढे पानी के लिए खोदे गए हैं। जिस
व्यक्ति ने ये सभी गड्ढे खोदे हैं,
उसमें
धैर्य की बहुत कमी है। उसने एक गड्ढा खोदना शुरू किया, लेकिन थोड़ा
खोदने के बाद पानी नहीं निकला तो उसने दूसरा गड्ढा खोदना प्रारम्भ कर दिया। इसी
तरह उसने पूरे खेत में कई गड्ढे खोद दिए।
गौतमबुद्ध ने अपने शिष्यों को आगे समझाया कि अगर वह व्यक्ति धैर्य के
साथ एक ही जगह पर गड्ढा खोद रहता तो शायद उसे पानी जल्दी मिल जाता। हमें भी किसी
काम में सफलता चाहिए तो कड़ी मेहनत करें, लेकिन धैर्य भी बनाए रखना चाहिए। कुछ
काम ऐसे होते हैं, जिनमें सफलता थोड़े समय के बाद ही मिल पाती है। ऐसी स्थिति में धैर्य
होना बहुत जरूरी है। वर्ना हम इस व्यक्ति की तरह छोटे-छोटे प्रयास करते रहेंगे और
किसी भी प्रयास में सफलता नहीं मिलेगी।
प्रभावी जीवन प्रबंधन -
कड़ी मेहनत के साथ स्वभाव में धैर्य भी होगा तो सफलता मिलने की
संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। धैर्य की वजह से मुश्किल समय में हमारा साहस बना रहता, मुश्किल समय में हमें अपने साहस को
बनाये रखना चाहिए जिससे
विषम परिस्थियों में भी हौसले बुलंद रहे!
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