Chhath Puja छठ पूजा ? छठ पूजा कैसे मनाया जाता है !
छठ पर्व या षष्ठी पूजा कार्तिक मास शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है।
यह भगवान सूर्य उपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड,पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है।
कहा जाता है यह पर्व मैथिल,मगध और भोजपुरी लोगो का सबसे बड़ा पर्व है ये उनकी संस्कृति है। छठ पर्व बिहार मे बड़े धुम धाम से उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। छठ पर्व !
छठ पूजा के विशेष नियम Chhath Puja Rules: छठ पूजा में विशेष रूप से इन नियमों का पालन करना है जरूरी, जानें छठ पूजा के पावन पर्व पर महत्वपूर्ण बातें -
छठ पूजा के विशेष नियम -
भगवान सूर्य की आस्था का महापर्व छठ पूजा का शुरुआत बुधवार से हो चुका है। आज खरना है।नहाय-खाय से व्रती अपने व्रत का शुरुआत करते हैं। छठ पूजा बिहार समेत देश के कई बड़े शहरों में विशेष रूप मनाया जाता है। यह व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि यह व्रत 36 घंटे तक निर्जला रखना होता है। छठ पूजा के व्रत का नियम भी सभी व्रतों से अलग और कठिन हैं । आप यदि छठ पूजा का व्रत रखते हैं, तो आपको इसके नियमों की जानकारी होनी बहुत जरूरी । नियमपूर्वक व्रत न करने से और व्रत के नियम का पालन न करने से छठी मैया और सूर्य देव का आशीष प्राप्त नहीं होता है और व्रत भी निष्फल हो जाता है। इस लिए व्रत के नियम का पालन जरूरी हैं ।
छठ पूजा का व्रत से संतान की प्राप्ति, वृद्धि व् विकास, उसकी सुरक्षा तथा सफल जीवन के लिए किया जाता है। विशेष पौराणिक कथा में कहा जाता है कि राजा सगर ने सूर्य षष्ठी का व्रत सही से नहीं किया था, जिसके दुष्प्रभाव (प्रभाव) से ही उनके 60 हजार पुत्र मृत्यु को प्राप्त हुए।
आज छठ पूजा के इस अवसर पर जानते हैं कि इसका नियम क्या है और किस प्रकार इसका पालन करना चाहिए।
छठ पूजा व्रत के विशेष नियम:-
1. चार दिनों की छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग को विशेष नियम के अनुसार पलंग या तखत पर सोने की मनाही होती है। वह जमीन पर ही चटाई बिछाकर सो सकता है तथा कंबल आदि का प्रयोग भी कर सकता है।
2. व्रती को चारों दिन नए और साफ वस्त्र विशेष रूप से पहनना होता है। इसमें भी इस बात का विशेष रूप ध्यान दिया जाता है कि वे वस्त्र सिले न हों। महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं।
हालांकि आजकल लोग कोई भी वस्त्र पहन लेते हैं।
3. व्रत रखने वाले व्यक्ति को मदिरा,मांस झूठी बातें, काम, क्रोध, लोभ, धूम्रपान आदि का प्रयोग विशेष
रूप से नहीं करना चाहिए।
4. यदि आप छठ पूजा का व्रत रखते हैं तो परिवार के सभी सदस्य को तामसिक भोजन यनी अंडा, मांस, मछली ,प्याज, लहसुन, से दूर रहना चाहिए। इन चार दिनों में शुद्ध सात्विक भोजन ही करें शुद्ध मन से ।
5. छठ पूजा के व्रत में बांस के सूप का प्रयोग होता है। भगवान सूर्य देव की जब संध्या तथा प्रात:काल की पूजा विशेष होती है, तो उस समय सूप में ही पूजन सामग्री रखकर उनको समर्पित किया जाता है।
6. छठ पूजा में छठी मैया तथा भगवान सूर्य को ठेकुआ तथा कसार यनी चावल के आटे के लड्डू का भोग
विशेष रूप लगाना चाहिए।
7. छठी मैया की पूजा का व्रत विशेष रूप से साफ-सफाई का है। पहले दिन घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई मुख्य रूप से की जाती है। घाटों की भी सफाई विशेष रूप से की जाती है।
8. छठ पूजा में भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए गन्ने का प्रयोग विशेष रूप से करें। जिसमें पत्ते वाले गन्ने का उपयोग किया जाता है।
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